मृतक रवेन्द्र और शबनम का फाइल फोटो- |
डेस्क समाचार दर्पण लाइव
हरदुआगंज : कस्बा क्षेत्र के गांव बरौठा में रात को घर से निकले प्रेमी युगल का शव गांव के बाहर आम के बाग में लटका मिले, खबर मिलते ही इलाके से सनसनी मची रही, दोनों अलग-अलग संप्रदाय के होने से अलर्ट रही पुलिस ने साक्ष्य संकलित कर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, दोनों की मौत पर जहां गांव के तरह तरह की चर्चा के बीच पुलिस आत्महत्या मान रही है।
बरौठा निवासी रामनिवास उपाध्याय निजी पशु चिकित्सक है, उनके चार बेटों में दूसरे नंबर का रवेंद्र उपाध्याय 28 वर्ष गांव में रहकर खेती का काम संभालता था, जिसके प्रेम संबंध गांव निवासी शाबिर खां की बेटी शब्बो उर्फ शबनम 20 वर्ष से थे, बीते दिनों दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी स्वजनों को होने बंदिशों लगा दी थी, रविवार की रात को रवेंद्र व शब्बों घर से निकल कर गांव से करीब चार सौ मीटर दूर सती वाले बाग में पहुंचे, जहां आम के पेड़ पर रस्सी डालकर दोनों एक साथ फंदे पर लटक गए, वहीं भोर में पता चलने पर स्वजनों दोनों की तलाश में जुटे रहे। सोमवार सुबह नौ बजे के करीब बाग से होकर गुजर रहे किसान की नजर पडऩे पर गांव में सनसनी मच गई, खबर पाकर थाना प्रभारी राजेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए, फोरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य संकलन के बाद शवों को फंदे से उतार पोस्टमार्टम को भेजा।
एक ही रस्सी पर लटके रवेंद्र-शबनम
रवेंद्र व शबनम के शव जिस रस्सी से लटके थे, वह आम के पेड़ की डाली पर झूले की तरह पड़ी थी, रवेद्र का वजन ज्यादा होने पर भी ऊपर लटका था जबकि शबनम के दोनों पैर जमीन पर टिके थे, जिसे देखकर लोग हत्या की आशंका जता रहे है, वहीं दोनों के स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था, वह इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे।
मौत को गले लगाने से पहले भरी मांग
रवेंद्र उपाध्याय व शबनम की प्रेम कहानी का बेशक दुखद अंत हुआ, मगर साथ जीने-मरने की कसमें खाने पर एक दूसरे के हो जाने की रश्म निभाई, घर से जाने वक्त शबनम एक जोड़ी नए कपड़े लेकर गई थी जिन्हें पहनकर उसने श्रृंगार किया, मांग में सिंदूर भी लगाया, और फिर दोनों ने मौत को गले लगा लिया।
शबनम के निकाह की हो रही थी तैयारी
परिवार में शबनम पांच बहन व एक भाई में सबसे बड़ी थी, रवेंद्र से प्रेम प्रसंग की जानकारी होने पर बंदिशों के बीच स्वजन शबनम के निकाह की तैयारी कर रहे थे, अलीगढ़ में रिश्ता तय हो गया था इसी बीच उसके पिता की बीमारी के चलते 17 जुलाई को मौत हो गई थी, इसी बीच शबनम की मां पर परिवार का बोझ आ गया जो तालानगरी में मजदूरी करने लगी, उसने बताया कि दो माह बाद शबनम की शादी होनी थी, जिसकी तैयारी कर रहे थे।
रात दो बजे घर से निकली थी शबनम
शबनम की दादी ने बताया कि रविवार को रवेंद्र दो बार उनकी गली में आया था, उसके बाद से ही शबनम बैचेन थी, वह रात को सोते वक्त तकिया लेकर कई बार छत पर गई फिर नीचे आ गई, उनकी आंख लगते ही किवाड़ खोलकर चुपचाप निकल गई, तीन बजे उन्हें पता चला तो परिवारीजन गांव से लेकर अलीगढ़ बस अड्डे तब तलाश में जुटे रहे। वहीं रवेंद्र भी अपने घर की छत पर सोया था सुबह पशुओं को चारा डालने को उसकी मां जगाने पहुंची तो वह चारपाई पर नहीं मिला, उसे भी परिजन तलाशने में जुटे रहे।
इनका कहना है
थाना प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि दोनों मृतकों के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पाएगा। हर मामले के पहलू पर जांच कर रहे हैं।