गोंडा :- में तीन साल की बेटी के पिता ने चार साल की मासूम संग जो 'दरिंदगी' की है। उसे सुन हर कोई हैरान है। मगर पुलिस पूछताछ में उसने जो खुलासे किए हैं, उसे सुन पुलिस भी चौंकने को मजबूर हुई।
हालांकि गिरफ्तारी के बाद जुर्म स्वीकारते हुए उसने पछतावा भी व्यक्त किया है। मगर अब देर हो चुकी है। सबसे खास बात ये है कि नशे में जब वह बच्ची को समोसा खिलाने के बाद एकांत में ले गया तो पहली बार में उसने बच्ची को छोड़ दिया और कह दिया कि घर चली जाओ। फिर कुछ पल बीतने पर ही उसका ईमान बिगड़ गया और बच्ची का पीछा कर फिर उसे गोद में उठा लाया। वापस लाने के बाद फिर उसके साथ दुष्कर्म किया और मुंह पानी में डुबोकर मार दिया। वह खुद स्वीकार रहा है कि अगर बच्ची चली गई होती तो शायद यह वारदात न होती। अब उसे अपने किए पर पछतावा है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी अर्जुन ने स्वीकारा कि वह पेशे से राजमिस्त्री है। गांव में ही दूसरे छोर पर कृष्ण गोपाल के मकान पर निर्माण का काम कर रहा था। तीन साल की उसकी बेटी भी है। करीब एक पखवाड़ा पहले उसकी पत्नी बेटी को लेकर मायके चली गई थी। इसलिए वह घर पर अकेला था। घटना वाली शाम काम से लौटने के बाद उसने शराब पी और अचानक नशे में बच्ची को बातों में उलझाकर खाने का सामान दिलाने के बहाने ले गया और वारदात को अंजाम दे दिया। फिर घर पहुंचकर सो गया। सुबह जागने पर उसे बहुत पछतावा हुआ। पहले वह उस स्थान पर गया, जब उसने बच्ची को डुबोया था। वहां शव नहीं था। कुछ कदम आगे पहुंच गया था। फिर वह अपने काम पर पहुंच गया। दोपहर में पुलिस के गांव में आने के बाद वह अपने घर नहीं पहुंचा। जल्दी जल्दी काम खत्म करने के बाद 5 बजे उसने कृष्ण गोपाल से कहा कि उसकी मां का एक्सीडेंट हो गया है। उसे 500 रुपये दे दो, अलीगढ़ जाना है। कृष्ण गोपाल ने उसकी बात पर भरोसा कर रुपये दे दिए। फिर उसने यह भी कहा कि किसी से उसे जल्दी खैर तक छुड़वा दो। इस पर कृष्ण गोपाल ने अपने दोनों भाइयों संग उसे बाइक पर खैर छुड़वाया।
खैर से मोबाइल लेकर भागा,
मुकदमा दर्ज
कृष्णगोपाल के भाइयों ने उसे जब खैर में अलीगढ़ अड्डे उतारा तो उसने वहां अपना मोबाइल बैटरी न होने का हवाला देकर स्विच ऑफ कर लिया। किसी से बात करने के लिए उनका मोबाइल मांगा और बात करते-करते मोबाइल लेकर भाग गया। उन दोनों भाइयों ने उसे काफी खोजा। मगर वह नहीं मिला। फिर वे गांव लौट आए। इसके बाद रात होते-होते पुलिस को यह पता लगा कि रविवार शाम आखिरी बार बच्ची को अर्जुन संग देखा गया था तो पुलिस करीब रात 11 बजे उसके घर पहुंची। मगर पता चला कि वह सुबह से घर पर नहीं है। यह भी पता चला कि वह कृष्णगोपाल का मकान बना रहा है। इस पर पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि वह शाम 5 बजे यहां से गया है। उसके भाई उसे खैर छोड़कर आए हैं और वह झूठ बोलकर 500 रुपये व उनका मोबाइल लेकर भागा है। सोमवार रात में इस बात पर पुलिस ने भरोसा नहीं किया। मगर मंगलवार को कृष्णगोपाल के भाई के मोबाइल की मदद से जब उसकी लोकेशन हरियाणा में मिली तो उनकी बात पर भरोसा किया गया। साथ में कृष्ण गोपाल की ओर से अर्जुन के खिलाफ झूठ बोलकर रुपये ले जाने व मोबाइल ले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा अदालत में बेहद मजबूत साक्ष्य बनेगा।
100 से ज्यादा नशेड़ी छांटे, पिता ने बताया अर्जुन ही गायब है
बच्ची का शव बरामद होने के बाद दोपहर में जब एसएसपी कलानिधि नैथानी घटनास्थल का मुआयना करते हुए बच्ची के परिवार से उनके घर जाकर मिले। उसी समय उन्होंने चार टीमों को गांव में ऐसे युवकों को छांटने के निर्देश दिए जो नशे के आदी हैं। रात तक घूमते रहते हैं। उनमें से कोई गायब है। साथ में बच्ची के परिवार से भी कहा था कि अगर आपको लगे कि गांव से कोई गायब है तो तत्काल बताएं।
इस पर पुलिस ने रात तक 100 से ज्यादा ऐसे नशेड़ी चिह्नित कर उनकी सूची बनाई थी। 100 ऐसे संदिग्ध छांटे जो घटनास्थल की ओर सामान्य हालत में भी आते जाते रहते हैं। इस तरह कुल 200 से अधिक लोगों की सूची बनाकर जांच शुरू की गई।
इसी सूची को देखकर खुद बच्ची के पिता ने यह बताया था कि उनके मोहल्ले का अर्जुन सुबह से गायब है। हमारी बेटी उसके साथ घुल मिल सकती है।
रीयल टाइम पीछे लगने पर मिल गई लोकेशन
अर्जुन के गायब होने और फिर कृष्णगोपाल द्वारा मोबाइल छीनकर ले जाने की बात सामने आई तो बेशक प्रथम दृष्टया पुलिस ने कृष्णगोपाल की बात सही नहीं मानी। मगर उनके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर की लोकेशन पर काम शुरू कर दिया और सुबह होते-होते लोकेशन मिलने पर पुलिस रीयल टाइम में पीछे लग गई। इसी वजह से आरोपी हत्थे चढ़ गया।
एक बार झूठ बोला, फिर खुद ही टूट गया आरोपी
पुलिस द्वारा फरीदाबाद से आगरा जाते समय आरोपी को हिरासत में लेकर उसे पहले थाने लाया गया। फिर रात में ही घटनास्थल पर ले जाया गया। जहां उसने सब कुछ सच-सच बता दिया। मगर इससे पहले रास्ते में हुई पूछताछ में उसने पुलिस से एक बार झूठ बोला। कहा कि उसके साथ किसी अन्य ने शराब पी थी। उसने इस घटना को अंजाम दिया है। मगर पुलिस के सवालों में वह उलझते हुए खुद ही सच बोलने को तैयार हो गया।
अपने समाज में दबंग है आरोपी का परिवार
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी पांच भाई व पांच बहनों में तीसरे नंबर का है। मगर अपने समाज में उसके परिवार का अपना रसूख व दबंगई है। हर कोई आसानी से उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं रहता है। शायद यह भी वजह रही कि घटना वाले दिन में वह गांव के दूसरे कौने पर काम करता रहा और फिर गायब हुआ। मगर कोई बताने को तैयार नहीं हुआ।
ये पुलिस का कर्तव्य है, इसलिए इनाम नहीं
टप्पल के चंद दिन बाद गोंडा में हुई इस चुनौतीपूर्ण घटना के खुलासे के बाद खुलासे में शामिल पुलिस टीम को इनाम का सवाल खड़ा हुआ।
इस पर एसएसपी कलानिधि नैथानी के स्तर से साफ कहा गया कि यह बेहद हृदय बैठाने वाली घटना है। इस तरह की चुनौतीपूर्ण घटनाओं का खुलासा करना पुलिस का कर्तव्य है। इसलिए इसमें इनाम जैसा शब्द उचित नहीं है। एक बच्ची के साथ जो हुआ है, उससे सुनकर किसी का भी दिल बैठ सकता है। यह हमारी व हमारी टीम की चुनौती थी, जिसे स्वीकारते हुए हमने खुलासा किया।