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अलीगढ़ : विद्युत विभाग की लापरवाही से किसान रघुराज सिंह (91) के होश उड़ गए। बिना पोल-तार और ट्रांसफार्मर के 1.92 लाख रुपये का बिजली का बिल आ गया है। बिल देखकर रघुराज के पसीने छूट गए हैं। विद्युत विभाग की ओर से आरसी भी भेज दी गई है, जिससे किसान विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, मगर उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। किसान का कहना है कि 2014 में उन्होंने कनेक्शन कटवा दिया था, उसकी रसीद भी है, मगर विद्युत विभाग ने सात साल का बिल बनाकर भेज दिया है।
आवेदन देकर विद्युत कनेक्शन कटवा दिया था
जवां क्षेत्र के साथा गांव निवासी रघुराज सिंह का नलकूप का कनेक्शन था। बुधवार को लाल डिग्गी पहुंचे रघुराज सिंह ने बताया कि 2014 में वह काफी बीमार पड़ गए थे। बिजली का बिल जमा करने में असमर्थ थे। इसलिए विद्युत विभाग में प्रार्थना पत्र देकर उन्होंने कनेक्शन कटवा दिया। उस समय रहे जेई ने पोल, तार और ट्रांसफार्मर आदि सब हटवा दिया था। रघुराज सिंह के पास कनेक्शन कटवाने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र और उसकी रसीद भी है। मगर, विद्युत विभाग ने 1.92 लाख रुपये का बिजली का बिल भेज दिया है, जिसे देखकर बुजुर्ग रघुराज सिंह की तबीयत बिगड़ गई है। दो महीने से वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं, मगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। सोमवार को उन्होंने सांसद सतीश कुमार गौतम से मुलाकात करके समस्या बताई। सांसद ने अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र सारस्वत को समस्या निस्तारित करने के लिए कहा है, मगर किसान रघुराज सिंह की समस्या का समाधान नहीं हुआ। किसान का कहना है कि 2014 से ही उनके नलकूप का कनेक्शन कटा हुआ है, वहां पोल और तार कुछ भी नहीं है, ऐसे में कैसे बिल भेज दिया गया? विद्युत विभाग अपनी लापरवाही मुझपर थोप रहा है। वह इसकी शिकायत सीएम से लेकर ऊर्जा मंत्री तक से करेंगे।
अचानक आता है बिल
ये समस्या सिर्फ रघुराज सिंह की नहीं है, बल्कि तमाम उपभोक्ताओं की है। विद्युत विभाग कनेक्शन विच्छेदन करने के बाद पूरी प्रक्रिया नहीं करता है। उपभोक्ता समझ लेता है कि उसका कनेक्शन काट दिया गया है। मगर, आठ-दस साल बाद लाखों का बिल बनाकर उपभोक्ता के पास भेज दिया जाता है। उसके बाद उपभोक्ता विद्युत विभाग के चक्कर लगाता रहता है।