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साथा चीनी मिल को 498.56 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अब इस बंद पड़ी मिल को दोबारा से चालू करने के लिए उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड ने चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, उत्तर प्रदेश शासन को तीन प्रस्ताव भेजे हैं, जिसमें 50 करोड़ रुपये की मदद, 5000 टीसीडी तक क्षमता विस्तार करने, एथनाल प्लांट लगाने की सिफारिश की गई है।
हाल ही में जब सीएम योगी आए थे, उस वक्त बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह ने इस संबंध में पत्र दिया था। अब इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। 1976-77 में स्थापित साथा चीनी मिल की कुल क्षमता 1250 टीसीडी (टन क्रैसिंग कैपिसिटी पर डे यानी एक दिन में 1250 टन गन्ने की पेराई क्षमता) है।
लगभग 44 वर्ष पुरानी मिल की क्षमता विस्तार पर आज तक कोई काम नहीं हुआ है। प्लांट और मशीनरी जर्जर होने से मिल संचालन में कठिनाई हो रही है। 31 मार्च 2020 तक 498.56 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
ऋणात्मक नेटवर्थ होने के कारण संचालन के लिए मिल को बैक या अन्य वित्तीय संस्थाओं से आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। वर्तमान में 5000 टीसीडी से कम क्षमता का प्लांट स्थापित करना लाभप्रद नहीं है। इसलिए मिल की क्षमता विस्तार के लिए 12 अगस्त को इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।
ये हैं तीन प्रस्ताव
1- 5000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल तथा कोजनरेशन प्लांट की स्थापना कराई जाए।
2-1250 टीसीडी की वर्तमान पेराई क्षमता पर संचालन करने की दशा में जर्जर एवं मशीनरी की मरम्मत एवं रखरखाव पर 50 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।
3- शासन से उक्त प्रस्तावों में से किसी भी एक प्रस्ताव या वित्तीय मदद उपलब्ध न होने की दशा में मिल को बंद कर क्षेत्र का गन्ना अन्य मिलों को भेजा जाए।