डेस्क समाचार दर्पण लाइव
योगी सरकार ने भले ही गायों की सुरक्षा के लिए कानून बना दिये हो या फिर लाखों करोड़ों का बजट तैयार कर दिया हो लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के आगे सब जीरो है।
ताजा मामला धनीपुर ब्लॉक के गाँव बरौठा का है जहाँ साहब ने बातों का पुल बांधते हुए सफेदपोशी तो चमका ली लेकिन जिम्मेदारी भूल गए, जी हाँ अभी साहब के बारे एक प्रचलित अखबार में लंबा चौड़ा लेख पढ़ने को मिला था जिसमें साहब ने गौवंश की सुरक्षा और ग्राम के विकाश की बात कही थी लेकिन साहब के दावे चंद दिनों में हवा हवाई होते नजर आ रहे हैं।
दरसल धनीपुर ब्लॉक के गाँव बरौठा मे बीती पंचवर्षीय योजना में लाखों रुपये की लागत से गौशाला बनाई गई थी, जिसमे गाय तो एक ना पहुंची और गौशाला भी खंडर बनके रह गयी जहाँ शराबी पैग का आनंद लेने लगे गौशाला से सटे कब्रिस्तान और शराबियों का जमावड़ा समुदाय विशेष के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचा रहा था। खैर गौशाला को सुचारू कराने के लिए मुख्यमंत्री महोदय से लिखित शिकायत की गई जिसकी कॉपी लीक होकर बड़े साहब तक पहुंच गई अब मच गई होड़ गौशाला की मरम्मत करवाने की, दो ही दिनों में साफ सफाई 12 से 15 गाय गौशाला में पहुंच गई, चर्चा तो इस बात की भी है कि एक गाय पकड़ने के एवज में नरेगा की एक दिहाड़ी की भी घोषणा की गई थी।
लेकिन बात फिर वहीं आकर अटक गई गांव से लेकर गलियां, मुख्य रामघाट रोड पर गाय कुश्तियां लड़ती हुई दिख जाएंगी नतीजतन मंगलवार की देर रात बरौठा मील चौराहे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से गौवंश की मौत हो गयी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाय सड़क से दस फुट दूर जा गिरी और तड़प तड़प कर मर गयी। एक बार की शिकायत पर ही अगर बड़े साहब ने संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की होती तो ऐसी घटना ना होती।