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तालाब में डूबने की वजह से एक किसान भारमल बंजारा की मौत हो गई, किन्तु मौत के बाद अंधविश्वास का जो खेल देखने में आया, वो बेहद चौंकाने वाला था. मृतक को पुनर्जीवित करने के लिए उसके शव को पेड़ से उलटा लटकाकर उसे झुलाया गया. इस बीच ग्रामीणों ने जयकारे भी लगाए. यह मामला मध्य प्रदेश के गुना जिले से सामने आया है. दरअसल, सानई पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जोगीपुरा गांव स्थित तालाब में 45 वर्षीय किसान भारमल बंजारा की डूबने से मौत हो गई थी.
बताया जा रहा है कि भारमल और उसके बेटे भंवरलाल के बीच कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद पिता-पुत्र ने जोगीपुरा तालाब में छलांग लगा दी. पुत्र तैरना जानता था इसलिए वह किनारे पर पहुंच गया, किन्तु पिता भारमल बंजारा नहीं बच पाया और उसकी मौत हो गई. शव को ढूंढने के लिए तालाब की बाउंड्री को JCB मशीन से तोड़ा गया, जिसके बाद जलस्तर कम हुआ तब जाकर शव पानी से बाहर निकाला गया. भारमल बंजारा को दोबारा जीवित करने के लिए उसकी लाश को पेड़ पर पैरों से उलटा लटका दिया गया. शव को लटकाने के बाद उसे झूले जैसे काफी देर तक झुलाया गया.
परिजनों और ग्रामीणों का कहना था कि डूबने की वजह से शरीर में जो पानी भरा हुआ है वो बाहर निकल आएगा और भारमल दोबारा जीवित हो जाएगा. अंधविश्वास के कारण लोगों ने घेरा बनाकर शव को बीच में पेड़ पर लटका दिया और चारों ओर से जयकारे लगाने लगे. इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया भी, किन्तु परिजनों ने भारमल को दोबारा ज़िंदा करने की कोशिश में लगे रहे. इस बारे में पुलिस ने कहा है कि किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दिया जाए. पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है