अलीगढ़ से दिल्ली तक टोल 400 रुपये, मगर सड़क में गड्ढों की भरमार

  

डेस्क समाचार दर्पण लाइव 

 हाईवे पर लोग फर्राटा भरने के लिए चलते हैं, मगर गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर इस समय पैदल चलना भी मुश्किल है। हाईवे की स्थिति गांवों की सड़कों से भी खराब है। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। वाहन चालक स्पीड में नियंत्रण खो बैठते हैं, कई बार हादसे का शिकार होते-होते बचते हैं। यह हाल तब है, जब मात्र 130 किमी दूरी पर स्थित दिल्ली के लिए करीब 400 रुपये टोल टैक्स के देने पड़ते हैं।

गाजियाबाद से अलीगढ़ तक सड़क क्षतिग्रस्‍त

गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे का निर्माण 2014 में हुआ था। इससे दिल्ली का सफर आसान हो गया था। मगर, एक साल बाद ही हाईवे की स्थिति खराब होने लगी थी। गभाना से लेकर बौनेर तक तमाम जगहों पर हाईवे की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं। गभाना से महरावल के बीच पटरियों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। खेरेश्वरधाम मंदिर की ओर बढऩे पर पटरियों के किनारे गड्ढे हैं। बारिश के दिनों में पटरी धंस गई है। खेरेश्वरधाम से बौनेर की तरफ आने पर स्थिति और भी खराब है। मथुरा और आगरा के लिए सर्विस लेन लेने से पहले सड़क तमाम जगहों पर उखड़ी पड़ी है। दो-दो मीटर के करीब गड्ढे बने हुए हैं। हाईवे के किनारे कंकरीट बिछी हुई है। इससे तेज गति से आ रहे वाहन चालक अनियंत्रित हो जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। रात के समय तो हाईवे पर चलना खतरों से कम नहीं है। कई जगहों पर लाइट नहीं है, जिन स्थानों पर लगाई गई हैं, वहां वे जलती नहीं हैं।

सर्विस लेन भी क्षतिग्रस्त

हाईवे के निर्माण के बाद तो सर्विस लेन पर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। मथुरा, आगरा की ओर मुड़ते समय सर्विस लेन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। शहर की ओर उतरते ही गड्ढों की भरमार है। आगरा हाईवे की तरफ तो इतने बड़े गड्ढे हैं कि दो पहिया वाहन उसमें समा जाते हैं। बारिश के दिनों में यहां वाहन पलटते रहते हैं। हाईवे पर साल-दो साल में कुछ मरम्मत का काम हो जाता है, मगर सर्विस लेन पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया जाता है।


गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर काम शुरू करा दिया गया है। एक तरफ की सड़क पर गड्ढे भरे जा रहे हैं। बारिश के चलते काम रुक गया था। सोमवार से फिर काम शुरू करा दिया जाएगा। एक महीने के अंदर कहीं पर भी गड्ढे नहीं दिखाई देंगे।


पीपी सिंह, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआई

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