ब्यूरो ललित चौधरी
सावन माह में नाग पंचमी पर्व पर नागों को दूध पिला कर शिव आराधना कर पूजा अर्चना की गई। घरों में महिलाओं ने नाग पूजा पर बच्चों और बड़ों को नाग देवता के प्रकोप से बचाने की आराधना की।
लोगों ने नाग दर्शन कर उन्हें दूध पिलाया। लोगों ने ज्योतिषाचार्य से जानकारी कर विधि विधान से नाग देवता की पूजा कर कालसर्प योग का निदान करने की भी पूजा की।
शुक्रवार को शिव पूजा के साथ नाग पंचमी पड़ने से इसका और अधिक महत्व माना गया। नाग पंचमी पर महिलाओं ने घर की साफ सफाई कर रस्सी में गांठ लगाकर काला रंग करके सात पांच नागों की आकृति बनाकर पत्थर एवं लकड़ी की पट्टे पर रखकर फैनी सेवई दूध व लावा अर्पण कर आकृति की पूजा की।
राहु केतु के साथ कालसर्प योग पड़ने से घरों व मंदिरों में नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना की गई। लोगों ने गली मोहल्लों में निकले सपेरों को बुलाकर नाग नागिन को दूध पिला कर पूजा की और दान दक्षिणा भी दी।