नौनिहालों को सेहतमंद व शिक्षित बनाना है, इसके लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है, मगर इस पुष्टाहार से बच्चों की बजाय अधिकारियों का पेट भर रहा है
रिपो० निखिल शर्मा
हरदुआगंज : आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलने वाली योजनाओं का मकसद नौनिहालों को सेहतमंद व शिक्षित बनाना है, इसके लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है, मगर इस पुष्टाहार से बच्चों की बजाय अधिकारियों का पेट भर रहा है, हरदुआगंज के सीएचसी परिसर में स्थित धनीपुर ब्लॉक के सीडीपीओ कार्यालय से निजी गाड़ी में जा रहा पुष्टाहार देखकर तो यही लगता है, इसका वीडियो वायरल होने के बाद जिम्मेदारों पर सवाल खड़े हो रहे हैं,
जानकारी के मुताबिक गुरूवार शाम को इस कार्यालय पर खड़ी दो गाडिय़ों में पुष्टाहार के कार्टून भरे जाने लगे, जिसकी खबर फैली तो जागरूकजन वहां पहुंचे एक गाड़ी निकल चुकी थी, दूसरी स्र्कोपियो गाड़ी निकलने की तैयारी में थी, ये गाड़ी यहां तैनात महिला सुपरवाइजर की थी, वह भी साथ थी, विरोध के चलते सुपरवाइजर को गाड़ी खोलनी पड़ी जिसमें करीब एक दर्जन तेल, घी, व अन्य पुष्टाहार के कार्टून भरे थे, सामान को इस तरह ले जाने के बारे में पूछने पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं और सामान को दोबारा गोदाम में रखवाकर बिना कोई जबाव दिए चलीं गई, ये सब कैमरे की नजर में हुआ, दूसरी गाड़ी खुद सीडीपीओ की बताई गई है।
आंगनबाड़ी का बताया गया सामान
इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद सीडीपीओ सुमन वर्मा सुपरवाइजर के बचाव में आई उनका तर्क था कि एक आंगनबाड़ी की तबियत खराब थी सामान उस तक पहुंचाने को निकाला गया था, ये पूछने पर जब पुष्टाहार को आंगनबाड़ी सेंटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी महिलाओं के समूह की है, तो शाम 5:30 बजे इस गाड़ी में बिना रिकार्ड क्यों जा रहा था, तो इस बात का जबाव सीडीपीओ के पास भी नहीं था।
आंगनबाड़ी कौन
हरदुआगंज में सीडीपीओ के दफ्तर के बगल में ही गोदाम है, यहां से धनीपुर ब्लॉक के 222 सेंटरों को पुष्टाहार पहुंचाया जाता है, सुपरवाइजर अपनी निजी गाड़ी से कौन से सेंटर का सामान ले जा रही थी, उस आंगनबाड़ी का नाम पूछने पर उन्होंने पहले बैरामगढ़ी की आंगनबाड़ी बेबी का नाम लिया फिर उन्होंने नयाबांस हरदुआगंज की आंगनबाड़ी सूरजमुखी का सामान बताते हुए उन्हें बेहद बीमार बताया, जबकि शुक्रवार को सूरजमुखी अच्छी भली सीडीपीओ सेंटर पर बैठी देखी गई, कार्यालय पर रिकार्ड दुरूस्त करने की कवायद भी युद्धस्तर पर चल रही थी।
सुबह चार बजे आई गाड़ी किसकी थी
गुरूवार शाम को सामान निकलने की वीडियो वायरल होने के बाद मची हलचल के बीच शुक्रवार भोर में एक गाड़ी सीडीपीओ कार्यालय पर आने की चर्चा रही, सुबह चार बजे के करीब गोदाम खोलकर सामान का आदान प्रदान करने के बाद गाड़ी निकल गई, इस बावत सीडीपीओ से पूछने पर उन्होंने अनभिज्ञता जताई। वहीं एक बात साफ है कि आंगनबाड़ी व जिम्मेदारों की मिलीभगत से पुष्टाहार माफियाओं का आहार बना रहा है,
इनका कहना है
सीडीपीओ सुपरवाइजर की निजी गाड़ी में रखे गोदाम को गोदाम में रखे जाने की वीडियो मिली है, रिकार्ड चैक कराया जाएगा, गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
रंजीत सिंह उपजिलाधिकारी कोल
मुख्यमंत्री से शिकायत
इस मामले में सामाजिक संस्था स्मार्ट विजन फाउंडेशन ने दोनों गाडिय़ों में सामान भरते, एक गाड़ी चले जाने व दूसरी गाड़ी में मिले सामान को उतारकर गोदाम में रखने एवं शुक्रवार सुबह गोदाम खुलने के साक्ष्यों सहित मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर जीरो टालरेंस के तहत उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
इस मामले में सामाजिक संस्था स्मार्ट जिन फाउंडेशन ने दोनों गाडिय़ों में सामान भरते, एक गाड़ी चले जाने व दूसरी गाड़ी में मिलने व उसे उतारकर गोदाम में रखने एवं शुक्रवार सुबह गोदाम खुलने के साक्ष्यों सहित मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर जीरो टालरेंस के तहत उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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