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अलीगढ़ : आरटीआइ के तहत पूछे गए सवालों का जवाब न दे सके तो पोस्टल आर्डर समेत आवेदन ही वापस कर दिया। मामला सिंचाई विभाग से जुड़ा है। अधीक्षण अभियंता ड्रेनेज मंडल कार्यालय से पिछले पांच साल में आवंटित धनराशि और इससे हुए कार्यों का ब्यौरा आरटीआइ में मांगा गया था। अधीक्षण अभियंता ने यह कहते हुए आवेदन लौटा दिया कि इसका जवाब अधिशासी अभियंता गंग नहर कार्यालय से मिलेगा। आवेदक का कहना है कि विभाग एक ही है, इस तरह आवेदन वापस नहीं किया जा सकता। इस संबंध राज्य सूचना आयोग में अपील करने की बात कही है।
22 मार्च को किया था आवेदन
बन्नादेवी क्षेत्र के प्रिंस नगर निवासी केशवदेव ने 22 मार्च काे आवेदन किया था। जिसमें 2015 से 29 मार्च, 2021 तक का ब्यौरा मांगा था। आवेदक के अनुसार नहरों सफाई, रखरखाव में करोड़ा रुपया शासन द्वारा आवंटित किया जाता है। लेकिन विभागीय अधिकारी इसका हिसाब नहीं दे पा रहे। अधीक्षण अभियंता ने अपने जवाब में कहा है कि यह कार्यालय अपीलीय अधिकारी का है। अधिशासी अभियंता गंग नहर के कार्यालय से सूचना प्राप्त की जा सकती हैं। आवेदन की मूल कापी पोस्टल आर्डर के साथ वापस कर दी। जबकि, आरटीआइ एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी भी कार्यालय से आवेदन को वापस कर दिया जाए। सूचना देना अनिवार्य है, चाहे वह किसी भी विभाग से ही क्यों न संबंधित रखती हो। यहां तो विभाग भी एक ही है। इसके बाद भी सूचना देने से मना ही कर दिया गया। प्रथम अपील पर भी सूचनाएं उपलब्ध न कराना गलत है। आवेदक ने कहा कि इस संबंध में राज्य सूचना आयोग के अलावा मुख्यमंत्री व सिंचाई मंत्री से भी शिकायत की जाएगी। साथ ही सिंचाई विभाग में किए गए कार्याें की जांच कराने की मांग भी करेंगे।