बुलंदशहर: पंचायत चुनाव के बाद गांव में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पांच दिवसीय विशेष अभियान चल रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन विभाग ने संक्रमित मरीजों के चिन्हिकरण के इस अभियान का मजाक बना दिया है। जांच को गांव पहुंची टीम को एंटीजन किट के बजाए शरीर का ताप जांचने के लिए थर्मलस्केनर व आक्सीजन नापने को आक्सीमीटर सौंप दिया है।
नौ मई तक चलने वाले इस अभियान के पीछे का मकसद यह है कि पंचायत चुनाव के बाद यदि गांव में कोरोना संक्रमण फैल रहा है तो उसे जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके। 2200 कर्मचारियों को इसमें लगाया गया है। सीएचसी केंद्रों पर बैठी टीम तो एंटीजन किट से जांच कर रही है, लेकिन गांव-देहात में डोर-टू-डोर पहुंच रही आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों के हाथ में जांच के लिए थर्मलस्केनर व आक्सीमीटर थमा दिया है। घर-घर जाकर यह कार्यकत्रियां गांव के हर एक व्यक्ति की जांच कर रही हैं। जिसमें जरा भी कोविड के लक्षण मिल रहे हैं, उसे जरूरी दवा देकर सेंटर पहुंच कर कोविड जांच के लिए कहा जा रहा है। एसीएमओ डा. रोहताश यादव ने बताया कि आशाओं व आंगनबाड़ियों को भेज कर संक्रमितों के चिन्हितकरण का काम चल रहा है, क्योंकि घर-घर जाकर कोरोना जांच करना मुश्किल है। जो भी संदिग्ध मरीज है, उसे तुरंत दवा उपलब्ध करवा दी