बुलंदशहर | जिले में टिड्डी आने की आशंका

 


रिपो० ललित चौधरी

बुलंदशहर जिले में टिड्डी दल के आने की आशंका से किसानों के भी होश उड़ गए हैं। गत वर्ष टिड्डी दल शिकारपुर, खुर्जा, सिकंदराबाद, ककोड़ आदि क्षेत्र से होकर निकला था। गनीमत यह रही कि खेतों में रात में टिड्डी दल रुका नहीं था। एक रात में यह दल चार से पांच किमी दूरी के जंगल की फसल और पौधों को चट करने की क्षमता रखता है।

मौसम में हुए अचानक बदलाव के बाद राजस्थान में टिड्डी दल सक्रिय हो गया है। दो से ढाई इंच लंबे कीटों का दल करोड़ों की संख्या में होता है और आसमान में उड़ने पर जमीन में सूरज की रोशनी तक को काली छाया में तब्दील कर देता है। रात में छह से सात बजे तक जमीन पर उतरता है और जहां भी रात्रि विश्राम करता है। फसलों को चट कर डालता है। ऐसे में जिला प्रशासन और जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने हाई अलर्ट घोषित किया है। किसान टिड्डी दल को देखते ही कृषि अधिकारियों के साथ-साथ बीडीओ को भी सूचना दे सकते हैं।


किसान फसलों का ऐसे करें बचाव

जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल सिंह और कृषि निदेशक आरपी चौधरी ने बताया कि टिड्डी दल के आने पर अपने खेतों में आग जलाकर रखें। पटाखें फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल एवं नगाडें बजाकर आवाज करें। इससे टिड्डी दल भाग जाएगा। बताया कि जहां भी टिड्डी दल बैठे वहां क्लोरोपाइरीफॉस 20 ईसी की 1.5 ली. मात्रा का क्लोरोपाइरीफास 50 प्रति लीटर व साइपरमेथ्रिन 5 प्रति लीटर ईसी रसायन की 500 मिली मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

इन्होंने कहा..

पंजीकृत किसानों को मोबाइल पर मैसेज और गांवों में मुनादी कराकर किसानों को टिड्डी दल के प्रति जागरुक किया जा रहा है। टिड्डी दल के आते ही किसान कृषि विभाग के किसी भी अधिकारी कर्मचारी को सूचना दें। ताकि फसलों में होने वाले नुकसान को बचाया जा सके।

-अमर पाल सिंह, कृषि रक्षा अधिकारी।

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