अलीगढ़:राम मंदिर आंदोलन के दौरान साल 1990 में आपने जेल भरो आंदोलन का नाम सुना होगा। उस वक्त रामभक्तों को जेल में डाला गया था। लेकिन, अलीगढ़ पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आपरेशन प्रहार के साथ ''जेल भरो आंदोलन'' शुरू कर दिया है। साथ ही दो अन्य विशेष आपरेशन भी चलाए गए हैं, जिसमें 15 दिन के अंदर ही एक हजार से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। औसतन 50 लोगों पर रोजाना कार्रवाई हो रही है।
सात सौ लोगों पर कार्रवाई
''जेल भरो आंदोलन'' की शुरुआत नए एसएसपी कलानिधि नैथानी की ओर से की गई। एसएसपी ने 27 मार्च को जिले में कार्यभार संभाला। तीन दिन बाद ही 30 मार्च को आपरेशन आवारा की शुरुआत कर दी। ये उन लोगों पर शिकंजा था, जो सड़क पर खड़े होकर शराब पीते हैं। इसके तहत 14 मार्च तक 987 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। आपरेशन आवारा में दो तरीके से कार्रवाई होती है। पहला, दफा 34 के तहत फार्म भरवाया जाता है, जिन्हें कोर्ट से जमानत लेनी पड़ती है। वहीं गंभीर श्रेणी में आने वाले लोगों के खिलाफ धारा 151 में कार्रवाई की जाती है। इनमें जेल जाने का भी प्रावधान है। 987 लोगों में से करीब सात सौ लोगों पर ये कार्रवाई हो चुकी है। इसके बाद दो अप्रैल को जिले में आपरेशन निहत्था शुरू किया गया। इसमें उन लोगों पर नकेल कसी गई, जो अवैध रूप से हथियार रख रहे हैं। इस आपरेशन में अब तक 120 लोगों के असलहा लाइसेंस को निलंबित करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। इसके बाद 10 अप्रैल से आपरेशन प्रहार की शुरुआत की गई। इसके तहत वांछित व वांरटियों पर प्रहार किया गया। पांच दिन में ही 177 बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं। 10 अप्रैल से पहले 10 दिन में करीब सौ अपराधी दबोचे गए।
1300 लुटेरों का हुआ सत्यापन
जिलेभर में थानावार 10 साल पुराने अपराधियों का डाटा खंगाला गया है। इसमें अब तक करीब 13 सौ लुटेरों व डकैतों का सत्यापन हो चुका हैं। इनमें कई जेल में हैं तो कुछ जमानत पर बाहर चल रहे हैं। पुलिस ने इन पर निगरानी बढ़ा दी है।
100 आरोपित किए जिला बदर
पुलिस ने 15 दिन में 100 नए लोगों को जिला बदर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इनकी रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है। वहीं सात लोग ऐसे पकड़े गए, जो पहले से जिला बदर होने के बावजूद जिले में थे।